21 JAN 2017 AT 4:30

इश्क़ जीता हूँ इश्क़ लिखता हूँ।
दर्द पीता हूँ दर्द लिखता हूँ।

फटे एहसासों को
सटीक सा एक साथ
मिलाकर सीता हूँ एहसास लिखता हूँ।

बचपन में जीता हूँ
बचपन की याद लिखता हूँ।

बहती ज़िन्दगी की सरिता हूँ ज़िन्दगी लिखता हूँ।





- MayankTiwari मध्यमवर्गीय