फिर वो ग़लती अबकी बार नहीं होगा
छोड़ो जाओ मुझको प्यार नहीं होगा
अब ये मेरी बात कभी ना टालेगा
दिल मेरा फिर से गद्दार नहीं होगा
डूबने का गर डर ना हो तो कूदो तुम
सोच समझ कर दरिया पार नहीं होगा
मुझको दिल के बदले जिस्म नहीं लेना
मुझसे घाटे का व्यापार नहीं होगा
तुम पर ख़र्च हुआ ये उम्र, तजरबा है
बीता वक़्त कभी बेकार नहीं होगा
इस युग के रावण से निपटो, राम बनो
नारायण का अब अवतार नहीं होगा
मैंने अपनी मौत चुनी अपने हाथों
कोई इतना भी खुद्दार नहीं होगा
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