ढूंढ रहे हैं कब से कब से.... जब से पहली बारिश को जाना जब से प्यार का आलम पहचाना जब से हमने हम को जाना तुम्हारा इंतज़ार हैं हमें तब से जाने जाना जब नहीं थी इतनी भी खबर कि एक दिन जिंदगी होगी इतनी बेखबर तुम्हारे इंतज़ार में हाँ तुम्हारे इंतज़ार में.....।
तू सब जानतीं है मेरी कथा मेरी व्यथा मेरा शोर मेरे दिल का चोर मेरे ख्वाबों मेरे ख्यालों को मेरे हर झूठे सच्चे अरमानों को खुद से किए हर वादे को फिर क्यों छोड़ दिया मुझे अधुरा अकेला यहाँ।