Koi to hai jo door ho gya Paas tha lekin ab majboor ho gya Baandhaa hai usko kisi bandhan ne Mere saath khush tha Ab khush to nhi h vo Bs mashhoor ho gya
दिख जाता है दर्द उनका उनकी आंखों में उनकी वो अंकहीन बातों में छुपके देखते है आज भी वो उन खूबसूरत पलों को शायद अभी भी खोना चाहते हैं वो उन्ही सुनहरी यादों में
उसकी खुशबू थी या कोई एहसास था समा भी हसीन था जब वो मेरे पास था दुनिया भी खूबसूरत लगती थी क्योंकि कोई मेरा अपना मेरे साथ था कभी कुछ गिले थे, शिकवे भी थे लेकिन फिर भी वो प्यार कुछ खास था।
यह अनमोल खज़ाना हमेशा रखूंगा अपने पास इन यादों को संभाल कर रखूंगा हमेशा अपने साथ इसी उम्मीद मे की फिर कभी कुछ घर की चीज़ें छाटने पर होगी फिर से इस खजाने से मुलाकात
वो दोस्तों का साथ और उनकी बातें, घर से छुपते छिपाते निकलकर वो सब दोस्तों की खुशनूमा मुलाकातें दोस्तों के साथ वो लड़ाई, वो झगड़े, और उन झगड़ों के बाद वो तन्हाई की रातें