तेरी इन नन्ही उँगलियों की छुअन,
कर दे मेरा तन-मन पावन,
तुझसे मिलती नयी उमंग नयी तरंग,
तुझसे मेरी ज़िन्दगी में रंग ही रंग,
तुझसे मेरी पहली बरखा,
तुझमें खुशबू गीली मिट्टी की,
तुझसे पूरी होती मेरी जिंदगी,
मेरा गुरूर मेरा सूरूर सब तू, तू ही तू!
- ✍️ Kumaar Ki Kalam Se ✍️