23 APR 2017 AT 23:09

कैसे दिन गुज़रते है, कैसे शाम कटती है
कैसे हम जीते है, कैसे तुम पर मरते है
कैसे एक ही सपने को बार आँखो में संजोया करते है
सब बताऊंगा तुमको, एक कहानी की तरह
जब मिलोगी कभी मुझसे,उन्ही राहो पर,
जिन पर मैं अब तक तन्हा सफर कर रहा हूँ

कुछ किस्से और भी है
जो सिर्फ मैंने तुम्हारे लिए बचाकर रखे है
जिनका दुनिया से कोई वास्ता नही,
जिसमे मैं हूँ और सिर्फ तुम हो
वो किस्से भी तो सुनाने है तुम्हे
जब मिलोगी कभी मुझसे, उन्ही राहो पर,
जिन पर मैं अब तक तन्हा सफर कर रहा हूँ

वो तेरी एक तस्वीर भी तो दिखानी है तुझे
जो हर्फ़ दर हर्फ़ गोदकर,
अपनी डायरी पर बनाई थी मैंने
जब तुझे पहली बार देखा था
जब मिलोगी कभी मुझसे, उन्ही राहो पर,
जिन पर मैं अब तक तन्हा सफर कर रहा हूँ ।


- Himanshu