27 MAY 2017 AT 13:10

ये चांद सा रोशन चेहरा, ज़ुल्फ़ों का रंग सुनहरा
ये झील सी नीली आँखें, कोई राज़ है इनमें गहरा
तारीफ़ करूँ क्या उसकी, जिसने "मुझे" बनाया।

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