ये चांद सा रोशन चेहरा, ज़ुल्फ़ों का रंग सुनहराये झील सी नीली आँखें, कोई राज़ है इनमें गहरातारीफ़ करूँ क्या उसकी, जिसने "मुझे" बनाया। -
ये चांद सा रोशन चेहरा, ज़ुल्फ़ों का रंग सुनहराये झील सी नीली आँखें, कोई राज़ है इनमें गहरातारीफ़ करूँ क्या उसकी, जिसने "मुझे" बनाया।
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