कितने भी पन्ने पलट लूँ , वह कहानी आँखों में पढ़ लेती है ।ना जाने माँ ये कैसे कर लेती है॥ -
कितने भी पन्ने पलट लूँ , वह कहानी आँखों में पढ़ लेती है ।ना जाने माँ ये कैसे कर लेती है॥
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