23 APR 2017 AT 8:57

मेरी याद आएगी तुझे जब दूर चला जाऊँगा,
दूर भी इतना की कभी लौट के ना आऊँगा ;
अब तक तेरे दिल में रहता था,
फ़िर यादों में बस जाऊँगा ;
याद आएगी वो बातें और मुलाकातें,
मगर तब चाहकर भी मिल ना पाऊँगा ;
तुझे जान से ज्यादा चाहता हूँ,
पर शायद कभी साबित ना कर पाऊँगा;
मेरी अर्थी को साहारा देना तब,
जब आख़िरी पलो में तुझे बुलाऊँगा ;
मेरी याद आए तो रात को बाहर निकलकर देखना ,
चमकता हुआ तारा बन मुस्कुराउन्गा ...
दूर जा चुका रहूँगा तुमसे ,
पर दिल को यही छोड़ जाऊँगा ,
बस एक बार मुस्कुरा देना उस तारे को देखके;
फ़िर तुझसे आशिक़ी करने को धरती पर वापिस आऊँगा ...
.....
-----©हैपी सिंह(एच.के )...

- HK