जिंदगी का दस्तूर है किफूल खिले तो मुर्झाना ही है औरप्यार किया तो निभाना ही है। - Ghousia Begum
जिंदगी का दस्तूर है किफूल खिले तो मुर्झाना ही है औरप्यार किया तो निभाना ही है।
- Ghousia Begum