Hai kehna itna kucch,Ki shabd kucch kam haiHai samajhna itna kucch,Ki lagta thoda waqt kam haiContinued.. -
Hai kehna itna kucch,Ki shabd kucch kam haiHai samajhna itna kucch,Ki lagta thoda waqt kam haiContinued..
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Khuda ki rehmat mein,hum husn-e-jahan mein yun kho gaye,Jiske husn se hua tha ishq yun,Ki uski ruh dekhte hi hum uske yun ho gaye! -
Khuda ki rehmat mein,hum husn-e-jahan mein yun kho gaye,Jiske husn se hua tha ishq yun,Ki uski ruh dekhte hi hum uske yun ho gaye!
अगर हुआ क़िस्मत में,तो शायद होंगे हमारे रास्ते एक,अगर नहींतो मंज़िल तो सबकी एक ही है। -
अगर हुआ क़िस्मत में,तो शायद होंगे हमारे रास्ते एक,अगर नहींतो मंज़िल तो सबकी एक ही है।
बहुत दुःख दिए इस दर्द-ए-इश्क़ नेके लाखों में एक हमयूँ ही कब भीड़ में खो गए -
बहुत दुःख दिए इस दर्द-ए-इश्क़ नेके लाखों में एक हमयूँ ही कब भीड़ में खो गए
कुछ कहने थे जो शब्द,अब उनके लफ़्ज़ हम यूँ ढूँढते हैं,इन बेगानी जगहों पे,हम मोहब्बत यूँ ढूँढते हैं।अब आख़िर ज़माने से होना हो वाक़िफ़,तो लिखना पड़ेगा यहाँ कुछ,जो ना कह सके हम खुदसे भी,शायद बताने को तुम्हें हम यूँ तरसते हैं। -
कुछ कहने थे जो शब्द,अब उनके लफ़्ज़ हम यूँ ढूँढते हैं,इन बेगानी जगहों पे,हम मोहब्बत यूँ ढूँढते हैं।अब आख़िर ज़माने से होना हो वाक़िफ़,तो लिखना पड़ेगा यहाँ कुछ,जो ना कह सके हम खुदसे भी,शायद बताने को तुम्हें हम यूँ तरसते हैं।
वक़्त की सुनते सुनते ख़ुद को भूल गया मैंतुझे ढूँढते ढूँढते ख़ुद को खो गया मैंसबर करते करते यूँ मदहोश हो गया मैंतेरी राह देखते देखतेआवारा राही हो गया मैंतुझे याद करते करते ख़ुद ही में सिमट गया मैंतेरे इश्क़ की ओढ़ मेंआशिक़ से देवदास हो गया मैं -
वक़्त की सुनते सुनते ख़ुद को भूल गया मैंतुझे ढूँढते ढूँढते ख़ुद को खो गया मैंसबर करते करते यूँ मदहोश हो गया मैंतेरी राह देखते देखतेआवारा राही हो गया मैंतुझे याद करते करते ख़ुद ही में सिमट गया मैंतेरे इश्क़ की ओढ़ मेंआशिक़ से देवदास हो गया मैं
भरे नैनों से पुकारे तुझे ये दिलइस दिल कोई समझाए तो ज़राContinued... -
भरे नैनों से पुकारे तुझे ये दिलइस दिल कोई समझाए तो ज़राContinued...
ये दिल भी क्या चीज़ हैना आपका ना हमाराबड़ा ही कम्बख़्त नाचीज़ हैगर रखें इसको पल्लू में छुपा केतो झाँक के देखे, ये ऐसा बदतमीज़ हैछुप जाए मासूमियत की परछाइयों मेंबड़े बड़ों का ये बहुत अज़ीज़ हैपर जब फ़िदा हो अपनी महबूबा पे कोई पागल आशिक़तो उन बिचारों की तड़पती रूह का,ये कफ़न जैसा क़मीज़ है -
ये दिल भी क्या चीज़ हैना आपका ना हमाराबड़ा ही कम्बख़्त नाचीज़ हैगर रखें इसको पल्लू में छुपा केतो झाँक के देखे, ये ऐसा बदतमीज़ हैछुप जाए मासूमियत की परछाइयों मेंबड़े बड़ों का ये बहुत अज़ीज़ हैपर जब फ़िदा हो अपनी महबूबा पे कोई पागल आशिक़तो उन बिचारों की तड़पती रूह का,ये कफ़न जैसा क़मीज़ है
Maneuvering his way through the traffic, Alan walked briskly to Quadro’s, Daga’s family-owned Italian restaurant... -
Maneuvering his way through the traffic, Alan walked briskly to Quadro’s, Daga’s family-owned Italian restaurant...
Alan woke up with a start... -
Alan woke up with a start...