16 FEB 2017 AT 1:19

अंकों के खेल में ही उलझे हैं सब,
मापने का पैमाना समझ बैठे हैं ।।
एकटक नज़र शब्दों पर भी डालो,
कितने फ़कीर कबीर बन बैठे हैं ।।

- CalmKazi