चंदा तारेमौज मल्हारेंनदियाँ सागरजिसके चाकरजिसकी ख़ातिरबुल्लेशाह कीतक़रीरें तकघूमीं दर दरबाहिर अंदरसत् शिव सुंदरध्यान मदारीसौ मन बन्दरबिना डुगडुगी नाच उठे जोकहलाएगामस्त कलन्दर -
चंदा तारेमौज मल्हारेंनदियाँ सागरजिसके चाकरजिसकी ख़ातिरबुल्लेशाह कीतक़रीरें तकघूमीं दर दरबाहिर अंदरसत् शिव सुंदरध्यान मदारीसौ मन बन्दरबिना डुगडुगी नाच उठे जोकहलाएगामस्त कलन्दर
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आसमान में जितने सितारे हैं, उतना तुम्हारा प्रेम;मेरे लिए।सितारों के बीच जितनी छूटी जगह है, उतना मेरा प्रेम;तुम्हारे लिए। -
आसमान में जितने सितारे हैं, उतना तुम्हारा प्रेम;मेरे लिए।सितारों के बीच जितनी छूटी जगह है, उतना मेरा प्रेम;तुम्हारे लिए।
उसके रूपकों में खिलते हैं बच्चे फूल समानदेवी की तरह विराजती है स्त्री उसके बनाए मंदिरों मेंअपनी कविता के बाहर वो मसल देता है फूलऔर देवियों के मुकुट चुरा लाता हैभटकता फिरता है बेचैन यहाँ-वहाँउसकी मुक्ति नहीं है कहीं भीसिवाय इसके कि वो किसी दिन अपनी ही चुल्लू भर कविता में डूब मरे__________बाबुषाजून, २०१५ -
उसके रूपकों में खिलते हैं बच्चे फूल समानदेवी की तरह विराजती है स्त्री उसके बनाए मंदिरों मेंअपनी कविता के बाहर वो मसल देता है फूलऔर देवियों के मुकुट चुरा लाता हैभटकता फिरता है बेचैन यहाँ-वहाँउसकी मुक्ति नहीं है कहीं भीसिवाय इसके कि वो किसी दिन अपनी ही चुल्लू भर कविता में डूब मरे__________बाबुषाजून, २०१५
आज उनकी सालगिरह है। -
आज उनकी सालगिरह है।
भक्त एक कोमल शब्द है,अयोग्य के लिए इसका प्रयोग करना-क्रूरता है।क्रांति एक विराट शब्द है,इसे महज़ बाह्य ढाँचे का बदलाव समझना-संकीर्णता है।प्रेम एक संकोची शब्द है,भक्ति व क्रांति संभव कर लेता एक साथअकेले दम पैदा करता साहस, आस और विश्वासकहता कुछ नहीं-यह प्रेम की विनम्रता है। -
भक्त एक कोमल शब्द है,अयोग्य के लिए इसका प्रयोग करना-क्रूरता है।क्रांति एक विराट शब्द है,इसे महज़ बाह्य ढाँचे का बदलाव समझना-संकीर्णता है।प्रेम एक संकोची शब्द है,भक्ति व क्रांति संभव कर लेता एक साथअकेले दम पैदा करता साहस, आस और विश्वासकहता कुछ नहीं-यह प्रेम की विनम्रता है।
उतना प्रेम कभी नहीं मिल सकताजितने की चाह है,मगर इतना प्रेम हमेशा दिया जा सकता है-जितने की चाह है। -
उतना प्रेम कभी नहीं मिल सकताजितने की चाह है,मगर इतना प्रेम हमेशा दिया जा सकता है-जितने की चाह है।
चूमना एक बारीक कला है-जिसकी निपुणता की परख होठों पर नहीं,माथे पर होती है। -
चूमना एक बारीक कला है-जिसकी निपुणता की परख होठों पर नहीं,माथे पर होती है।
‘तिलिस्म’ की पंक्तियाँ‘प्रेम गिलहरी दिल अखरोट से।’***अपने पैने नाखूनों को कुतर डालोमेरी तलाश में मुझे मत नोचोएक नदी जो सो रही है भीतर कहींउसे छूने की चाह में मुझे मत खोदोमत चीरो फाड़ो कि मेरी नाभि से ही उगते हैं रहस्यइस सुगंध को पीना ही मुझे पीना हैमुझे पा लेना मुट्ठी भर मिट्टी पाने के बराबर है मुझमें खोना ही अनंत आकाश को समेट लेना है स्वप्न हूँ भ्रम हूँ मरीचिका मैंसत्य हूँ सागर हूँ मैं अमृत -
‘तिलिस्म’ की पंक्तियाँ‘प्रेम गिलहरी दिल अखरोट से।’***अपने पैने नाखूनों को कुतर डालोमेरी तलाश में मुझे मत नोचोएक नदी जो सो रही है भीतर कहींउसे छूने की चाह में मुझे मत खोदोमत चीरो फाड़ो कि मेरी नाभि से ही उगते हैं रहस्यइस सुगंध को पीना ही मुझे पीना हैमुझे पा लेना मुट्ठी भर मिट्टी पाने के बराबर है मुझमें खोना ही अनंत आकाश को समेट लेना है स्वप्न हूँ भ्रम हूँ मरीचिका मैंसत्य हूँ सागर हूँ मैं अमृत
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मार्च,२०१५ -
मार्च,२०१५