नृत्य इस तरह किया जाना चाहिए कि जैसे कोई न देख रहा हो। गीत इस तरह गुनगुनाना चाहिए कि जैसे कोई न सुन रहा हो। फ़िल्में इस तरह देखी जानी चाहिए कि जैसे हॉल में तुम अकेले बैठे हो। कविता इस तरह लिखी जानी चाहिए कि इसे पढ़ने वाले केवल तुम हो। सोना इस तरह चाहिए कि जैसे ये संसार में अंतिम नींद हो। जागना इस तरह चाहिए जैसे यह दुनिया में पहली सुबह हो।
प्रेम इस तरह करना चाहिए जैसे यह पहला प्रेम हो। प्रेम इस तरह होना चाहिए कि बस ! यही अंतिम प्रेम हो।