क्या सोचूं ? क्यों सोचूं ? क्यों ये ज़हर पिया है ?क्या समझो गे, छोड़ोअब तो दर्द ने भी साथ छोड़ दिया है।। - ख़ाक
क्या सोचूं ? क्यों सोचूं ? क्यों ये ज़हर पिया है ?क्या समझो गे, छोड़ोअब तो दर्द ने भी साथ छोड़ दिया है।।
- ख़ाक