30 MAR 2017 AT 0:57

गाँव दर गाँव शहरों में तब्दील हो रहे हैं,
घोंसलों के लिए शाखें मयस्सर नहीं
अबाबील रो रहे हैं.
अपर्णा थपलियाल"रानू"

- अपर्णा थपलियाल"रानू'