ये अज़ाबों का सिलसिला क्या है बाढ़ बीमारी ज़लज़ला क्या है~ शान भारती -
ये अज़ाबों का सिलसिला क्या है बाढ़ बीमारी ज़लज़ला क्या है~ शान भारती
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तुम्हारा हिज्र मना लूँ अगर इजाज़त होमैं दिल किसी से लगा लूँ अगर इजाज़त हो~ जौन एलिया -
तुम्हारा हिज्र मना लूँ अगर इजाज़त होमैं दिल किसी से लगा लूँ अगर इजाज़त हो~ जौन एलिया
ठुकरा के मेरा प्यारमेरा इंतकाम देखेगी...~ गौरव कृष्णा बंसल -
ठुकरा के मेरा प्यारमेरा इंतकाम देखेगी...~ गौरव कृष्णा बंसल
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवाराहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवाफ़ैज़ अहमद फ़ैज़ -
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवाराहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवाफ़ैज़ अहमद फ़ैज़
मैं ने इतने ग़ौर से देखा उसे वो निकल कर आ गया तस्वीर से~ फ़रहत ज़ाहिद -
मैं ने इतने ग़ौर से देखा उसे वो निकल कर आ गया तस्वीर से~ फ़रहत ज़ाहिद
बाबा नागार्जुन - साल 2020 से पहलेबाबा नागार्जुन - साल 2020 के बाद -
बाबा नागार्जुन - साल 2020 से पहलेबाबा नागार्जुन - साल 2020 के बाद
मैं आदमी हूँ कोई फ़रिश्ता नहीं हुज़ूरमैं आज अपनी ज़ात से घबरा के पी गया~ साग़र सिद्दीक़ी -
मैं आदमी हूँ कोई फ़रिश्ता नहीं हुज़ूरमैं आज अपनी ज़ात से घबरा के पी गया~ साग़र सिद्दीक़ी
गुज़र रहे हैं वक्त के साथ बिखर रहे हैं पन्नो पर..कट रहे हैं दिनों दिनऔर ढल रहे हैं हर रात.... -
गुज़र रहे हैं वक्त के साथ बिखर रहे हैं पन्नो पर..कट रहे हैं दिनों दिनऔर ढल रहे हैं हर रात....
कभी कभी तो इक ऐसा मक़ाम आया है मैं हुस्न बन के ख़ुद अपनी नज़र से गुज़रा हूँ~ आरज़ू सहारनपुरी -
कभी कभी तो इक ऐसा मक़ाम आया है मैं हुस्न बन के ख़ुद अपनी नज़र से गुज़रा हूँ~ आरज़ू सहारनपुरी
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़ किसी की आँख में हम को भी इंतिज़ार दिखे~ गुलज़ार -
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़ किसी की आँख में हम को भी इंतिज़ार दिखे~ गुलज़ार