26 FEB 2017 AT 20:18

आज बहुत दिनों के बाद छत पर जाना हुआ ,
सब की छतों पर यौवन के गुलाबों की खुश्बू महक रही थी,
छतों पर युवक और युवतियों को देखकर ,
3 साल पुरानी यादें ताज़ा हो गयी ,
तुम्हारी याद एक बार फिर दीमक ,
लग चुके दिल पर दस्तक दे गयी,
लगा कि तुम्हारी याद ने दीमक को ,
मारने वाली दवा का काम कर दिया हो,
उन्हें किताबों की आड़ से एक दूसरे,
को देखते हुए लगा ,
जैसे तुम मुझे देख रही हो और मैं तुम्हे,
दोनों एक दूसरे को बारी बारी से देखते ,
जब कभी उनकी नजरें मिल जाती ,
तो दोनों का चेहरा शर्म से लाल हो जाता,
नज़रें झुक सी जाती , कुछ देर वो लजाते
मगर कुछ समय के बाद एक दूसरे को
देखने का सिलसिला बदस्तूर जारी रखते,
सोच रहा हूँ उस दिन तुम्हारे साथ आया होता,
तो वो लड़का मैं और वो लड़की तुम होती...

- अनुभव