ज़िन्दगी की लहरों में छटपटाते हम..वो एक सांस की चाह में तड़प रहे।वो ना रह गयी अब कागज़ की नाव..वो ना वक़्त रहा वो ना हम ही रहे ।। - आभास
ज़िन्दगी की लहरों में छटपटाते हम..वो एक सांस की चाह में तड़प रहे।वो ना रह गयी अब कागज़ की नाव..वो ना वक़्त रहा वो ना हम ही रहे ।।
- आभास