सिर्फ दिन और रात का सिलसिला नहीं, दोनों के बीच निखरती कई शामों का नाम है जिंदगी। -
सिर्फ दिन और रात का सिलसिला नहीं, दोनों के बीच निखरती कई शामों का नाम है जिंदगी।
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कुछ बातों को शब्दों का सहारा नहीं मिलताजिंदगी अक्सर मायने ढूंढने में गुज़र जाया करती है -
कुछ बातों को शब्दों का सहारा नहीं मिलताजिंदगी अक्सर मायने ढूंढने में गुज़र जाया करती है
आ हाथ थाम तू साथ चलकुछ ख़्वाब अधूरे पूरे करने हैं। -
आ हाथ थाम तू साथ चलकुछ ख़्वाब अधूरे पूरे करने हैं।
फ़लक तक साथ पहुंचने के वादेअक्सर ज़मीन पर टूटा करते हैं। -
फ़लक तक साथ पहुंचने के वादेअक्सर ज़मीन पर टूटा करते हैं।
दिलों में छिपे राज़ हैं कितने,कुछ बयां किए, कुछ दफन किए। -
दिलों में छिपे राज़ हैं कितने,कुछ बयां किए, कुछ दफन किए।
कैसे यकीन आए तेरे बयां-ए-इश्क परये ज़बान भी अब बेमानी सी लगती है। -
कैसे यकीन आए तेरे बयां-ए-इश्क परये ज़बान भी अब बेमानी सी लगती है।
बहुत खूबसूरत मंज़र होगा वो,जहां तुम्हारे हाथों में मेरा हाथ और आंखों में मेरा अक्स हो -
बहुत खूबसूरत मंज़र होगा वो,जहां तुम्हारे हाथों में मेरा हाथ और आंखों में मेरा अक्स हो
चेहरे ये सौ रंग बदलते हैंआइने मगर कोई सियासत नहीं करते -
चेहरे ये सौ रंग बदलते हैंआइने मगर कोई सियासत नहीं करते
दोस्त से बेहतर कोई हमराज़ नहींदोस्ती से बढ़कर कोई अज़ाब नहीं। -
दोस्त से बेहतर कोई हमराज़ नहींदोस्ती से बढ़कर कोई अज़ाब नहीं।
तमाशबीन था ज़माना मज़हबी नफरतों कासज़ा मासूम दिलों के हिस्से आई -
तमाशबीन था ज़माना मज़हबी नफरतों कासज़ा मासूम दिलों के हिस्से आई