ज़िन्दगी में तो कुछ नया नहीं है। जो वो रिश्ते थे, वो भी गुम - सुम हैं। जो लोग हैं, वो भी मिलने से डरते हैं। हैं तो बस एक उमीद की रोशनी! जिसको हमे तलाश करनी है।।
दुख तो मेरी निजी संपत्ति हैं। सबके लिए मैंने मुस्कुरहट का मुखौटा पहनता हूं।। मैंने जिनको खुदके दुख से वंचित रखता हूं, कोई जा कर बतलाओ उनने, मेरी सादगी को, जो वो खुशी समझे! कि, मैं अन्दर - अन्दर दुख के अंशु पिया करता हूं। दुख तो मेरी निजी संपत्ति हैं। सबके लिए मैंने मुस्कुरहट का मुखौटा पहनता हूं
मुश्किल वक़्त है, कट जाएगा खोफ का बादल, छट जायगा।। घर पे रहा कर देश का साथ निभाना है, खुदको बीमारी से बचना है, हमे अपना देश स्वस्थ बनाना है। मुश्किल वक़्त है, कट जाएगा खोफ का बादल, छट जायगा।।