कहने को तो ले आयी थी तुम हमारे जीवन में वापस वह प्रेम,लेकिन क्या पता था हमे की इसके अंत का तरीका कोई दूजा नहीं होगा। - अभिन्न
कहने को तो ले आयी थी तुम हमारे जीवन में वापस वह प्रेम,लेकिन क्या पता था हमे की इसके अंत का तरीका कोई दूजा नहीं होगा।
- अभिन्न