5 FEB 2017 AT 2:08

भारी मात्रा में रूढ़िवाद और उधारी के संविधान को
धर्म कांटे पर चढ़ाया है मालिक।

बदले में खरीदा है एक उदार जुनूनी जत्था,
जिसने भट्ठी की आग से
गरम ताज़ा देश उतारा है
एकाकी धर्म की चौपाई गाते हुए।

समझिए मालिक, देश को बेचने नहीं, बनाने आये हैं।

- Swarup