All great minds have been rebuked, On their journey towards greatness. Have been called weird, crazy, Magnificently stupid and what not; But did they ever stop? ~abhishek
Arise! Awake! And stop not until, Your goal is reached. ~Swami Vivekananda
सिहर नहीं जाता शरीर जब बाईस साल के एक लड़के को शहीद होते देखते हो? जब उसकी तस्वीर अखबार में छपती है तो कभी उसकी आँखों की चमक देखी है? अगर देखी है तो फिर मत कहना कि इस देश का जवान खून नकारा है। जनाब इस देश का जवान खून देशभक्ती के लिए उसी खून को बहाने से पहले दो बार नहीं सोचता और आप बिस्तर से उठने के लिए इस लिए अल्सा रहे हैं कि आज ठंड बहुत है। अरे! ज़रा पर्दे हटा कर देखिए। आज देश में धूप खिली है। धूप कहेंगे या वही चमक जो आपने देख के शायद अनदेखी कर दी?
ठंड का अलाव हो तुम, गर्मी में कूलर की हवा हो तुम। सुबह की चाय हो तुम, शाम का अर्क हो तुम। अकेले बैठे सुनते हुए संगीत का राग हो तुम, दूर होकर भी अत्यंत समीप हो तुम। अब जीवन हो तुम, इस आलम का सार हो तुम, अंत हो चुका मेरा, दूसरी शुरुआत हो तुम।
साथ बैठे दुनिया भर की बातें कर जाते हो। दुनिया को हँसाने के लिए बेबाक बातें कर जाते हो। पर इतना नहीं जान पाए, इस जहां कि खुशी तो तुम में समाई है। आओ आज अपनी रुहानियत को खुश करते हैं। वक़्त से तक़सीम हो कहीं चल पड़ते हैं। ज़िन्दगी को खुद के लिए मयस्सर करते हैं।
तुम शायद भूल गए हो पर मुझे याद है। उस प्यार का वो पैमाना याद है। लगते अब भी हो थोड़े बहुत अच्छे और मासूम तुम, पर कमबख़्त आज भी वो प्यार से तुम्हारा धोखा देना याद है।