Neutrino Stardust   (Neu)
26 Followers · 11 Following

It was all love.
Joined 13 January 2017


It was all love.
Joined 13 January 2017
11 DEC 2023 AT 4:49

Onun içini döktüğü günlük olmak istiyorum. Gözleri yaşlardan ıslandığında maskarasını sildiği peçete olmak istiyorum. Yüzünü sakladığı yastık olmak istiyorum. Onun herkesten uzakta gerçekten kendisi olabileceği bir tuvalet olmak istiyorum.

-


27 JUL 2022 AT 8:58

Kalbim neden bu kadar acıyor? Sana olan hasretim mi, yoksa senin vasıtanla aradığım Allah'a hasret mi?

-


27 JUL 2022 AT 8:42

Vücudumun içindeki bu kalp senin için atıyor. Her kalp atışının içinde oturuyorsun ve bu beni devam ettiriyor.

-


8 FEB 2019 AT 11:47

I love chopping onions, it allows you to cry in public!

-


8 FEB 2019 AT 11:42

Neither I am as good as you think I am, nor I am as bad as you think I am.

-


6 OCT 2018 AT 16:05

We are all actors.
Some are good at expressing pain,
Others at hiding it.

-


19 AUG 2018 AT 23:12

भींच के अपनी छाती में उसको,
थाम रखा है आस में जिसको,
आज सरोवर बह जाने दो,
और रुको ना, बह जाने दो.

कब से सूखी धरा ये देखो,
उस चितचोर की राह तके है,
ऋतु वसंत के जाने पर भी,
वो ना आया, बस परलय है,
बाँधों को अब गिर जाने दो,
और रुको ना, बह जाने दो.

प्यास बुझाने को तेरी,
शायद काफी था सावन भी,
पर दंभ हुआ ग़र उसे,
की उस बिन होगी ना पैदावारी,
तो तोड़ दो भ्रम उस निर्लज्ज का,
लहरों में तपिश खो जाने दो,
और रुको ना, बह जाने दो.

-


13 AUG 2018 AT 16:21

नींदें तो अब भी चुरा लेती हो तुम, 
ख्वाबों में आकर ही सही. 
खनक हंसी की अब भी कहीं, 
गूंजती है हर रोज़ कानों में. 
अब भी धूप की गर्मी में, 
तुम्हारा एहसास मौजूद है. 

कितने प्रकाश वर्ष दूर हैं हम, 
पर लगता है जैसे कल ही था,
जब जुगनूओं की रोशनी के नीचे, 
सन्नाटे बोए थे हमने. 

रात को गहराई तक वो नज़रें चीर देती हैं, 
अब भी जेहन में बोलबाला है जिनका. 
और फ़िर मैं लहरों पर चादर ढाँक देता हूं, 
यह सोच कर कि फ़िर तूफान ना आ जाये. 

पर नींदें तो अब भी चुरा लेती हो तुम,
ख्वाबों में ही आकर सही.

-


3 AUG 2018 AT 20:31

धीमे से मुस्काई थी वो,
पास मेरे जब आई थी वो.
अनसुलझे तारों पर दिल के,
वीणा कैसे बजायी थी वो.

शाखों सी लहराई थी वो,
तितली सी मंडराई थी वो,
चाहा मैंनें छूना जब, तो
नागिन सी बल खायी थी वो.

संग मेरे इतराई थी वो,
पर थोड़ा घबराई थी वो,
आँखों में जब झाँका उसके,
हल्के से शरमाई थी वो.

महकी हुई पुरवाई थी वो,
कितनी खुशियां लायी थी वो,
बादल बरखा बन बन कर फ़िर,
कितना मुझे रुलाई थी वो.

दर्द भरी शहनाई थी वो,
दिल में मेरे भर आई थी वो,
भूल सका ना उसे कभी,
कुछ ऐसा मुझमें समायी थी वो.

-


1 JUL 2018 AT 3:43

बेनाम हुए, गुमनाम हुए,
अंजान हुए हम.
बातों का हुआ अर्थ निरर्थ,
यादें बस देतीं हैं दर्द.
कैसे कह दूँ जो दिल में छिपा,
अब वो अपनापन ना रहा.
हैरान हुए, परेशान हुए,
नाकाम हुए हम.
बस अफ़सोस से भीगी रैना,
चाहा तो तुझे दुनिया देना.
सही गलत में बांध के सबने,
सबसे प्यारा था जो छीना.
सोच लो तुम की ग़लत हूँ मैं ही,
आखि़र तो इंसान हूँ मैं भी.
खुशियाँ मेरी तोहे लग जाए,
आशा करता हूँ ये फिर भी.
कुर्बान हुए, बदनाम हुए,
अपमान हुए हम.

-


Fetching Neutrino Stardust Quotes