जिनका काम कभी आदर्श के लिए जाना जाता रहा हो, आज धंधा बन चुका है. वे जीवनमूल्य की बात करें. ये सही कैसे हो सकता है. - अभिजीत जनार्दन
जिनका काम कभी आदर्श के लिए जाना जाता रहा हो, आज धंधा बन चुका है. वे जीवनमूल्य की बात करें. ये सही कैसे हो सकता है.
- अभिजीत जनार्दन