21 MAY 2017 AT 9:00

चार पंक्तियाँ अपने शहर के लिए ...

तुमने आवाज़ दी लो हम वापस लौट आए हैं
मिलेंगे फिर कभी तुमसे ये उनको बोल आए हैं
वो रूमानी सी ठंढ, वो लाल किले की गलियाँ
तुम्हारे वास्ते ही पराई दिल्ली छोड़ आए हैं ।

© अभिजीत

- ©अभिजीत