Aatif Rasheed Kamaal   (Arkam)
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|KAMAAL PUBLICATIONS |
Music & Movie Aficionado HINDI-URDU Poet..
Joined 17 April 2017


|KAMAAL PUBLICATIONS |
Music & Movie Aficionado HINDI-URDU Poet..
Joined 17 April 2017
14 NOV 2019 AT 17:42

|शुभ बाल दिवस|

हम बच्चे कितने प्यारे थे, हमारा बचपन कितना प्यारा था,

खेल का कोई मैदान नहीं, घर का आँगन कितना प्यारा था,

कागज़ की नाँव थी बारिश में, तब सावन कितना प्यार था,

बड़े हुए तो जाना है कि, बाल जीवन कितना प्यारा था !

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14 SEP 2018 AT 20:31

1. 'जय हिन्द' और 'जय हिंदी' का ऐसा शोर मचाते हैं,
त्योहारों की तरह आज हम 'हिंदी दिवस' मनाते हैं,

2. हिंदी के शब्दों में ऐसे, उर्दू की आहट झलके,
घुली-मिली बहनों में जैसे, चाहत ही चाहत छलके,
संस्कृत ने संस्कारों से, कुछ इस तरह श्रृंगार किया,
माँ ने अपनी बेटी को हो, जिस तरह तैयार किया,

3. संबंधों से सजी हुई, सहज और सरल हिंदी,
प्रेम की इस भाषा को, फिर प्रचलन में लाते हैं,
'जय हिन्द' और 'जय हिंदी'...

4. तहज़ीबों का संगम करते, हमनें देखा है हिंदी,
भारत में बहती नदियों सी, जीवन रेखा है हिंदी,
आशा है, अभिलाषा है, हिंदी ही मातृभाषा है,
'अनेकता में एकता' की, हिंदी ही परिभाषा है,

5. सत्य वचन की देवी हिंदी, ज्ञान ही सिखलाती है,
इसी ज्ञान को आओ मित्रों, जन-जन तक पहुँचाते हैं,
'जय हिन्द' और 'जय हिंदी'...

6. शपथ करें की हम-तुम मिलकर, यही कहानी बोलेंगें
राष्ट्र-धर्म समतुल्य है हमको, यही ज़ुबानी बोलेंगें,
अनुदेशों पर महापुरुषों के, प्रेम-वाणी बोलेंगें,
गर्व से अब हम हिंदुस्तानी, हिंदुस्तानी बोलेंगें,

7. उठ जाते है, जग जाते हैं, अपना ज़ोर दिखाते हैं,
निज भाषा का सारे जग में, फिर परचम लहराते हैं,
'जय हिंद' और 'जय हिंदी' का ऐसा शोर मचाते हैं |

आतिफ रशीद कमाल 'अरकम'

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10 MAY 2018 AT 4:14

दर्द-ए-दिल है बेइंतेहा, पर हम रोया नहीं करते,
जबसे एक ख़्वाब है टूटा, हम सोया नहीं करते..!

ARKAM Originals
Aatif Rasheed Kamaal

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8 MAY 2018 AT 4:44

बिता दी जागकर हमनें, आज की भी रात पूरी,

हम थे, हमारे अल्फ़ाज़ और थी एक ग़ज़ल अधूरी..!

ARKAM Originals
Aatif Rasheed Kamaal

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27 APR 2018 AT 5:08

जो तुमसे बात करा दे मेरी, वो बहाना अच्छा लगता है,

तुम्हें रूठना अच्छा लगता है, हमें मनाना अच्छा लगता है.!

ARKAM Originals
Aatif Rasheed Kamaal

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27 APR 2018 AT 3:36

कुछ दर्द हो ऐसे, जो दिल तोड़ ही डालें,
कुछ लम्हें सुकून के भी आ जाया करें,

कुछ ख़्वाब हो वैसे, जो सोने नहीं देते,
कुछ ऐसे, जो रुला-रुलाकर सुलाया करें,

कुछ चोट हो ऐसी, की ज़ख्म न भरे कभी,
और मरहम भी कभी वक़्त ये लगाया करे,

कुछ सुबह हो ऐसी की सबकुछ भूल जाऊँ मैं,
और कुछ शाम हो ऐसी, की सब याद फिर आ जाया करे..!

ARKAM Originals
Aatif Rasheed Kamaal

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28 APR 2017 AT 19:46

गर चलना है तो गिरना है,
गिरना है तो सँभलना है,
और संभलकर फिर से चलना है,

गर शाम सी तुझपे ढल जाये,
शाम को तु सवेरा होकर दिखा..

ऐ दिल ! तु मेरा होकर दिखा,
एक बार तु गहरा होकर दिखा,
कितने चेहरे तूने बना लिए,
मेरा भी तु चेहरा होकर दिखा..

ऐ दिल..!

आतिफ रशीद कमाल

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28 APR 2017 AT 17:16

ऐ दिल ! तु मेरा होकर दिखा,

एक बार तु गहरा होकर दिखा,

कितने चेहरे तूने बना लिये,

मेरा भी तु चेहरा होकर दिखा..

ऐ दिल ! तु मेरा होकर दिखा...!

Aatif Rasheed Kamaal

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27 APR 2017 AT 13:00

इज़हार ए इश्क़ की है ये अदा, ज़रा शरमाया जाता है,

राज़ ए दिल ब-मुश्किल बा-खुदा, फरमाया जाता है....|

Aatif Rasheed Kamaal

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27 APR 2017 AT 12:47

जीने का अबतक कोई तरीक़ा नही सीखा,
सलीके से कोई भी, सलीक़ा नही सीखा,

पर सीखने की यूँ तो कोई उमर नही होती,
कितनी भी तालीम हो पूरी कसर नही होती,

हर कसर से बढ़कर अब इल्म की चाहत है,
इल्म है दिल का सुकूँ और इल्म ही राहत है,

इल्म की बारिश है भीगते जा रहे,
ज़िन्दगी है सीखते जा रहे,
ज़िन्दगी है सीखते जा रहे |

आतिफ रशीद कमाल
@ज़िन्दगी है सीखते जा रहे...|

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