तुम मेरे लिए क्या हो पता है?
सुबह की ठंडी हवा हो तुम
भरी दोपहरी में छांव हो तुम
सावन की पहली बरसात हो
शायर की पहली ग़ज़ल हो तुम
मेरा आने वाला कल हो तुम
फागुन की सुंदर फुलवारी सी
जाना बहुत ही प्यारी हो तुम
मोहब्बत का पहला अहसास हो
दूर होकर भी मेरे पास हो तुम
किसी बच्चे के पहले शब्द सी
कोमल,निश्चल विश्वास हो तुम
मेरा सारा संसार हो तुम
सही ग़लत के पार हो तुम
जाना यार मेरा प्यार हो तुम।।।
-